वेद का सिद्धांत सर्वोपरि है। यदि भगवान भी वेद के विरुद्ध कोई सिद्धांत सिखाएं तो हम उनकी भी नहीं सुनेंगे। भगवान् को नमस्कार करेंगे लेकिन वेद वाणी के विरुद्ध कोई सिद्धांत ग्रहण नहीं करेंगे। वेद नित्य है, दिव्य है, साक्षात नारायण ही है। किन्तु... वेद का सही सही अर्थ केवल एक सिद्ध महापुरुष ही बता सकता है। मायिक जीव अपने आप वेद पढ़ के नहीं समझ सकते। ऐसा करने से अर्थ का अनर्थ हो जायेगा और यही हो रहा है आज संसार में।
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