ऐसा
करके दिखा दो कि एक भी शिकायत न मिले। उससे ख़ुशी के मारे हमारा एक किलो
खून बढ़ जायेगा। नुकसान तुम लोगों का होता है और ममता से दुःख हमें होता है।
इतनी सारी भगवत्कृपायें तुम लोगों पर हैं। अब और क्या कृपा चाहते हो।
------- जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज।
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