Tuesday, September 11, 2012




भगवान और महापुरुष की कोई बात समझ में आ जाती है, यह आश्चर्य है। नहीं आती,यह स्वाभाविक है,क्योकि हम मायिक हैं, और महापुरुष अमायिक। यदि तुम किसी महापुरुष को तभी मानो जब उसकी बातें तुम्हें समझ में आ जाये, तो शास्त्र कहते हैं, इस पैमाने से तुम जहाँ हो ,उससे और पीछे खिसकते जाओगे,क्योकि ईश्वरीय जगत के बड़े ही सूक्ष्म और रहस्य के कानून हैं। उन्हे केवल उनकी "गवर्नमेंट" वाले ही जानते हैं।
-----जगद्गुरुत्तम भगवान श्री कृपालुजी महाराज."

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