वे क्या हैं? हम नहीं जान सकते। यह तो केवल वही जान सकता है जिस पर वो कृपा करके बोध करा देते हैं। केवल इतना ही दृढ़ विश्वास बनाए रखो कि वे ही हमारे सर्वस्व हैं। सर्वसमर्थ हैं, सर्वांतर्यामी हैं और इतना ही नहीं वे तो हमारे बिलकुल अपने हैं और सदा से हम पर अकारण करुण हैं।
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