विनम्र निवेदन!
प्रिय साधक समुदाय।
श्री महाराज जी के चरणों में प्रणाम करते हुये गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक बधाई दे रही हूँ।
भक्ति - धाम में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है। यह श्री महाराजजी की जन्मस्थली आप सभी को श्री महाराजजी का दिव्य सन्देश दे रही है। यहाँ का कण कण दिव्य चिन्मय है जो भक्ति का अनुपम स्रोत है क्योंकि यहाँ श्री महाराजजी ने अहनिर्श श्यामा-श्याम गुण - गान कराया है।
अखण्ड संकीर्तन , करुण क्रन्दन युक्त साधना यही यहाँ का इतिहास है। यहाँ रहकर गुरु सेवार्थ जीवन समर्पित करने वाले तो धन्य हैं ही किन्तु आप सब भी परम सौभाग्यशाली हैं जो गुरुधाम में साधना करने के लिये समय समय पर आतें हैं। और श्री महाराजजी की सहर्ष सेवा करते हैं।
अखण्ड संकीर्तन , करुण क्रन्दन युक्त साधना यही यहाँ का इतिहास है। यहाँ रहकर गुरु सेवार्थ जीवन समर्पित करने वाले तो धन्य हैं ही किन्तु आप सब भी परम सौभाग्यशाली हैं जो गुरुधाम में साधना करने के लिये समय समय पर आतें हैं। और श्री महाराजजी की सहर्ष सेवा करते हैं।
जे.के.पी. द्वारा जितने भी जनहित कार्य किये जा रहे हैं वह श्री महाराजजी की कृपा से अत्यधिक सुचार रूप से चल रहे हैं। वे स्वयं ही योगक्षेम वहन कर रहे हैं , किन्तु आप सभी से मैं आशा करती हूँ कि आप सभी सदैव श्री महाराजजी के कार्यों को आगे बढ़ाने में पूर्ण सहयोग करेंगे। उनके दिव्य संदेशों को , उनकी दिव्य वाणी को , उनके साहित्य को हमें जन -जन तक पहुँचाना है।
शुभकामनायों सहित
तुम्हरी बड़ी दीदी.
तुम्हरी बड़ी दीदी.
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