कोई
आपका दुश्मन भी आ रहा है, रिवाल्वर लेकर ! सोचो - मैं आत्मा हूँ, यह मेरा
क्या बिगाड लेगा। शरीर से अलग होने पर प्रियतम के पास पहुंच जाऊँगा। डरो मत
! सोचो कि यह सब प्रभु की लीला हो रही है। परीक्षा के लिए प्रतिक्षण तैयार
रहो।
✴सुश्री श्रीधरी दीदी (प्रचारिका), जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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