संसारी #दोष कितने कम हुए, हमे इस पर हर समय दृष्टि रखनी है । हमारे स्वभाव में #अहमता, #ममता कितनी कम हुई ,इस और ध्यान देना है । #स्वाभिमान कितना कम हुआ,अपने #अपमान का अनुभव होना कितना कम हुआ,#आत्मप्रशंसा कितनी अच्छी लगती है । संसारी विषयों के अभाव मेँ कितना #दुख होता है,उनके मिलने में कितना #सुख मिलता है, यह सब अपनी #आध्यात्मिक उन्नति को नापने का सबसे बढ़िया पैमाना है।
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