जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका सुश्री श्रीधरी दीदी द्वारा #राधाष्टमी_महोत्सवकी बहुत-बहुत शुभकामनायें ।
वृषभानुनंदिनी मादनाख्य महाभाव स्वरूपिणी कृष्णप्रिया श्रीराधा कृपाकांक्षी महानुभाव !
आप सभी को भोरीभारी बरसानेवारी के अवतरण दिवस की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनायें ।
कृपा की मूरति श्री राधारानी के गुणों का वर्णन पूर्णतम पुरुषोतम ब्रह्म श्रीकृष्ण भी नहीं कर सकते, उन अकारण करुणामयी माँ की कृपा की थाह भी कोई नहीं पा सकता । हमारे परमपूज्य गुरुदेव जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ह्लादिनी शक्ति स्वरूपिणी नीलांबरधारिणी प्यारी श्यामा जू के स्वभाव का वर्णन करते हुए कहते हैं –
"ऐसो सरल सुभाय श्री श्यामा जू को ! जैसो नहिं कहुँ सुन्यो न देख्यो, हौं कह भुजहिं उठाय" ।
अर्थात् हमारी श्यामा जू सरलता से भी अधिक सरल हैं, भोरी हैं । उनके जैसा अकारण करुण स्वभाव आज तक न किसी का सुना न देखा गया ये प्रतिज्ञापूर्वक कहा जा सकता हैं । वे जीवों पर केवल कृपा ही करती हैं, निरंतर कर रही हैं बिना पात्र - अपात्र का विचार किये । लेकिन हम जैसे अधम जीव उन अनंत कृपाओं का अनुभव नहीं कर पाते अपितु निरंतर उनसे शिकवा शिकायत ही करते रहते हैं । निरंतर माया के थपेड़े सहते हुए संसार में धोखा खाते हुए भी उन्हीं स्वार्थी अनित्य रिश्तेदारों को ही अपना सर्वस्व मानते हैं और ऐसी कृपावतारिणी माँ को अपना नहीं मान पाते । इसलिए जीव की स्थिति और दयनीय होती जाती है । जब तक हम वेदवाणी, गुरु वाणी पर पूर्ण विश्वास करके श्री राधारानी को अपना सर्वस्व नहीं मान लेंगें तब तक हम वास्तविक आनंद की कल्पना भी नहीं कर सकते ।
अतएव आइये राधाष्टमी के इस पावन पर्व पर हम अपनी सनातन ममतामयी माँ से यही प्रार्थना करें –
अतएव आइये राधाष्टमी के इस पावन पर्व पर हम अपनी सनातन ममतामयी माँ से यही प्रार्थना करें –
तू तो है समर्थ सर्वशक्तिमयी श्यामा, मन में समा जा आजा मेरे उर धामा ।।
मोहिं जनि लखु मैं तो पातक धामा, अपनो कृपालु स्वभाव लखु श्यामा ।।
तेरे तो हैं अगनित जन गुणधामा, एक निगुणी भी अपनी कर ले श्यामा ।।
माया के जूते लात खाया आठुयामा, अब तो बना ले मोहिं बेर भई श्यामा ।।
(श्यामा-श्याम गीत)
मोहिं जनि लखु मैं तो पातक धामा, अपनो कृपालु स्वभाव लखु श्यामा ।।
तेरे तो हैं अगनित जन गुणधामा, एक निगुणी भी अपनी कर ले श्यामा ।।
माया के जूते लात खाया आठुयामा, अब तो बना ले मोहिं बेर भई श्यामा ।।
(श्यामा-श्याम गीत)
एक बार पुन: सभी श्री राधाकृष्ण चरणानुरागी भक्तों को किशोरी जू के प्राकट्य दिवस की शुभकामनायें एवं बधाई ।
भोरीभारी बरसानेवारी की जय। वृषभानुनंदिनी राधारानी की जय। कीर्तिकुमारी की जय। छोटी जी किशोरी जू की जय।
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