मनुष्य
कितना विचित्र प्राणी है कि अगले क्षण की गारंटी नहीं और प्लानिंग वर्षों
की करता है। ये भी जानता है कि भगवान् की प्लानिंग के आगे उसकी सब प्लानिंग
fail है। उसकी चालाकी,चार सौ बीसी ,झूठ,फरेब,होशियारी नहीं चलने वाली पर
फिर भी कितना बड़ा मूढ़ है क़ि बाज़ नहीं आता। इन सबके Implementation के लिये
झूठी प्लानिंग प्रैक्टिस करता है। अपने ही लोगों को ठगता है। जरा भी डर
नहीं कि भगवान् देख रहा है। भगवान को भगवान नहीं खुद को भगवान मानता है।
पंडितों को 10,20,50,100 रूपये देकर life Increment
और चाहता है। संसार में पागल हुआ जा रहा है। रोज़ उसी बीवी से उसी पति से
,उसी बेटा,बेटी से,माँ से बाप से ,बहन से भाई से जूते चप्पल खा रहे हैं पर
अक्ल नहीं आती। ऐसे मनुष्य सबसे ज़्यादा अशांत,अतृप्त,असंतुष्ट रहते हैं।
इनका मिथ्या अहंकार ही इनके पतन का कारण बनता है। इनकी ये होशियारी ही इनको
ले डूबती है।
सज्जन लोगों को ऐसे दुर्जनों से सदा सावधान रहना चाहिए , दूरी बनाके रखनी चाहिए।
सज्जन लोगों को ऐसे दुर्जनों से सदा सावधान रहना चाहिए , दूरी बनाके रखनी चाहिए।
जय श्री राधे।
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