शास्त्रों
के अनुसार प्रत्येक जीव कर्मबन्धन में है। प्रारब्धानुसार जितना भी
सांसारिक सुख(जिसका वास्तविक स्वरुप दु:ख है) जिसके भाग्य में लिखा है
मिलेगा ही।अरे भाई, हम जब शास्त्रों में पढ़ते हैं कि सर्वशक्तिमान् भगवान्
राघवेन्द्र सरकार के पिता मर गये,किन्तु राम ने नहीं बचाया;इसी प्रकार
जिसके मामा पूर्णतम पुरुषोत्तम ब्रह्म श्रीकृष्ण और पिता महापुरुष
अर्जुन,दोनों मिल कर भी अभिमन्यु को नहीं बचा सके,तब हमें भी समझ लेना
चाहिये कि हम दशरथ,अभिमन्यु आदि से तो बड़े नहीं जो हमारे लिये भगवान्
काअकाट्टय विधान कट जायगा।
----- जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
----- जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज।
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